संविधान का निर्माण

अगस्त  प्रस्ताव  1940 द्वारा  अंग्रेजो ने इस बात को पहली  बार स्वीकार किया की भारतीय  अपना संविधान स्वंय बनाएंगे इसकी घोसना लोनलिथगो ने किया था  |                                                                                                                                                                मार्च 1942  में क्रिस्प मिशन  भारत  आया जिसने इस बात को  तो दोहराया  ही तथा यह भी कहा की इसके लिए संविधान सभा बनायीं जाएगी  अतः संविधान सभा की बात पहली बार क्रिप्स प्रस्ताव द्वारा लाया गया                                                                                                                                                                  1946 में  कैबिनेट मिशन भारत आया जिसने संविधान का प्रारूप पेश किया  जिसमे निम्न बातें  थी                                                                                              संविधान सभा में सदस्यों की कुल संख्या 389  तय की गयी  जिसमे 296   सदस्यों को ब्रिटिश भारत से चुना  जाना था जबकि 93  देसी रियासतों से मनोनीत  होने थे   296  में से 292 ( ब्रिटिश भारत ) + 4 ( चीफ कमिश्नरी क्षेत्र ) दिल्ली , अजमेर, जोधपुर,  कुर्ग       | संविधान सभा  का एक सदस्य 10  लाख लोगो का प्रतिनिधित्व  करता था  |  सदस्यों को 3  भागो में  बांटा गया  -सामान्य,  मुस्लिम ,   सिख  |संविधान  सभा के सदस्यों  का निर्वाचन  प्रांतीय  विधान परिषद्  के सदस्यों द्वारा किया जाता था               . सदस्यों का  निर्वाचन एकल  संक्रमणीय  मत पद्धति के द्वारा होना था                                                                                                   जुलाई 1946  में संविधान  सभा का चुनाव हुआ 296  निर्वाचित सीटों में से कांग्रेस को 208  मुस्लिम लीग को 73  सीटें  प्राप्त हुई  अतः  संविधान सभा में अपनी  स्थिति को देखते हुए  लीग ने पाकिस्तान के   लिए  एक अलग संविधान   की मांग  कर दी                                                                                                                                                           इसी माहौल के  बीच  9  दिसंबर 1946  को  संविधान सभा की पहली बैठक  नई दिल्ली में  हुई जिसमे 299  सदस्यों ने भाग लिया     डॉ    सचिदानंद सिन्हा को संविधान सभा का अस्थायी  अध्यक्ष  चुना गया                                             

11 दिसंबर की बैठक में राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया तथा बी एन राव को समिति का संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया.| 13 दिसंबर 1946 की बैठक में जवाहर लाल नेहरू ने संकल्प संविधान सभा के समक्ष रखा जिसे 22 जनवरी 1947 को समिति ने स्वीकृति दे दी विधान सभा का प्ररूप बी एन राव द्वारा तैयार किया गया  प्ररूप पर विचार करने के लिए अगस्त 1947 में अम्बेडकर की अध्‍यक्ष में 7 सदस्‍य प्ररूप समिति का गठन किया गया इसी योगदान के लिए अम्बेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा गया

4 नवंबर 1948 को प्रारूप  समिति ने अपनी REPORT 26  नवंबर 1949  को अपनी स्वकृति दे दी 26  नवंबर 1949  को संविधान सभा द्वारा स्वीकार  किया गया और इसे बनाने में 2 साल 11 माहिना 18 दिन लगे इस दिवस को निर्वाचन नागरिक तथा अंतरिम  संसद से सम्बंधित व्यवस्था की गई 26 जनवरी 1950  को संविधान सभा की अंतिम बैठक हुई जिसमे सदस्यों ने  संविधान पर हस्ताक्षर किया   इसी तिथि को समिति को अंतिम संसद के रूप में स्वीकार  किया गया तथा राजेंद्र प्रसाद को भारत का राष्ट्रपति चुना   गया 26 जनवरी 1950 को  भारतीय संविधान लागू हुआ और इस प्रकार  भारत एक गणतंत्र राज्य बना 15 अगस्त 1947से लेकर 26 जनवरी 1950 के बीच भारत की राजनीतिक स्थिति अधीनस्थ  राज्य की थी क्योंकि इसी दौरन भारत की  भारत की शासन  व्यवस्था का संचालन 1935 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा किया जा रहा था